BANKELAL AUR MUKKALAAT – RC 721
Description बांकेलाल और मुक्कालात-721 विशालगढ़ से कामचोरी और बेरोजगारी दूर करने के लिए राजदरबार में छिड़ी बहस! और इस मौके का फायदा उठा कर बांकेलाल ने महल को बना दिया साधू, सन्यासियों और भिखारियों के लिए रैन बसेरा! और इसी बीच भविष्य के अजनबी ग्रह से आए मुक्कालात और उसके साथी जो ढूंढ रहे थे भविष्य में उनके लिए खतरा बनने वालों को जोकि थे सन्यासी और भिखारी! अब क्या होगा इस उठापटक का अंजाम?
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